राहु और केतु का गोचर 30 अक्टुबर 2023 को होने जा रहा है।
राहु और केतु दोनो एक साथ गोचर करते है। डेढ साल यानी 18 माह एक ही राशिमें परिभ्रमण करते है। वैदिक ज्योतिषशास्त्र के अनुसार राहु-केतु वक्र चाल से चलते है। अन्य ग्रह आगे की चाल चलते है लेकिन राहु-केतु पीछेकी चाल चलते है। वर्तमान समयमें राहु मेष राशिमें है और केतु तुला राशिमें है। दोनो ग्रह 180 डिग्री पर ही एक-दुसरे से रहते है। 30 अक्टुम्बर 2023 को शाम को 4 बजके 55 मिनिट 26 सेकन्ड को यह दोनो ग्रह मेष और तुला राशिको छोड कर मीन और कन्या राशिमें 18 महिने के लिए प्रवेश करेंगे। कीसी भी ग्रह का जब गोचर होता है तो उसकी सिधी असर जिव-जगत पर होती है। ईस गोचर से भी सभी 12 राशि के जातकोके जीवनमें असर देखी जायेगी। तो ईस आर्टीकल के माध्यमसे हम जानेंगे की कीस राशि पर राहु-केतु के गोचर की शुभ असर होंगी और कौनसी राशी पर अशुभ असर। आप सभी का स्वागत है Vyasji Astrology में।
Aries मेष राशि: मेष राशि में ही इस समय राहु और केतु का गोचर हो रहा है। गुरु भी साथ में ही गोचर कर रहे हैं। लग्न के ऊपर से राहु का गोचर बढ़िया नहीं होता। सप्तम के ऊपर से केतु का गोचर बढ़िया नहीं माना जाता। राहु बारहवें भाव में चले जाएंगे 30 अक्टूबर को और ये 2025 तक ऐसे ही रहेंगे। केतु थोड़े से सही हो जाएंगे क्योंकि वो छठे में आ जाएंगे। राहु बारहवें में जाकर परेशान कर सकते हैं। यहां पर मेष राशि के जातको को थोड़ा ध्यान देने की जरुरत है। बारहवें भाव से खर्चा देखा जाता है और ये मोक्ष प्राप्ति का भी भाव है। विदेश यात्रा भी इसी भाव से देखी जाती है। राहु की दृष्टि जाती है चौथे भाव के ऊपर, जो आपकी मां का भाव है। यदि राहु पहले से ही यहां हैं तो मां की सेहत की चिंता रहेगी। यदि मकान, गाड़ी या प्रॉपर्टी खरदीना चाहते हैं तो उसमें भी थोड़ी देरी देखने को मिलेगी।
Leo सिंह राशि: सिंह राशि के लिए केतु दूसरे भाव में चले जाएंगे और राहु अष्टम में आ जाएंगे। गाड़ी थोड़ी सी धीमी चलाएं। यदि आप गाड़ी तेज चलाते हैं तो दुर्घटना हो सकती है। एक दृष्टि जाएगी बारहवें भाव के ऊपर। खर्चा थोड़ा सा बढ़ सकता है। विदेश जाने का प्लान भी बनेगा। सेहत का खास तौर पर ध्यान रखें। जंक फूड अवॉयड करें। मां की सेहत के लिहाज से भी राहु का गोचर बढ़िया नहीं है।
Effects of Ketu transit केतु गोचर के दुष्प्रभाव
Libra तुला राशि: एक ग्रह के हिसाब से ये गोचर सही रहेगा लेकिन दूसरा परेशानी पैदा करेगा। राहु छठे भाव में चले जाएंगे और केतु बारहवें भाव में आ जाएंगे। बारहवां भाव मोक्ष का स्थान है और केतु मोक्ष के कारक ग्रह हैं। जिन लोगों की आयु ज्यादा है तो हो सकता है, उनके साथ कोई अनहोनी हो जाए। यहां से खर्चे भी देखे जाते हैं। अगर विदेश जाने के लिए फाइल लगाएंगे तो वहां पर भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। ड्राइविंग थोड़ी सी ध्यान से करें। केतु बारहवें भाव में हैं तो चौथा भाव इसके प्रभाव में रहेगा। चौथे स्थान से सुख स्थान देखा जाता है। कोई सीक्रेट लीक हो सकते हैं।
Aquarius कुम्भ राशि: कुम्भ के लिए बुध की राशि अष्टम में रहेगी। इस वजह से आपको थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है, अष्टम का गोचर बढ़िया नहीं होता। यदि केतु की दशा या महादशा चल रही है तो आपको परेशानी का ज्यादा सामना करना पड़ सकता है। अष्टम भाव से अचानक हानि देखी जाती है। केतु जब अष्टम में गोचर करेंगे तो एक दृष्टि देंगे बारहवें भाव को। बारहवां भाव खर्चे का भाव है। नेगेटिव साइड में खर्चा देखना पड़ेगा। यदि आप विदेश जाना चाहते हैं तो उसमे भी थोड़ी परेशानी देखनी पड़ेगी।